शेयर मार्केट कैसे सीखे | What is Sensex 2025

आइए जानते हैं शेयर मार्केट के बारे में,  शेयर मार्केट क्या है क्यों है किस तरह से काम करता है क्या फायदा क्या नुकसान है आप इसमें किस तरह से पैसे invest कर सकते है शेयर मार्केट कैसे सीखे

What is Share Market

हम आपको बता दे कि स्टॉक मार्केट ,शेयर मार्केट या एक्विटी मार्केट इन  तीनों का एक ही मतलब है दोस्तों यह वह मार्केट होता है जहां पर आप किसी कंपनी के शेयर्स खरीद सकते हो या  बेच सकते हो, शेयर्स खरीदने का मतलब है कि आप किसी कंपनी में कुछ परसेंट ओनरशिप खरीद रहे हो यानि कुछ percent आप उस company के मालिक बन रहे हो यानि उस company को अगर profit  होगा तो कुछ percent  उस profit का आपको भी  मिलेगा उस company को अगर loss होगा  तो कुछ percent उस loss का आपको  भी Loss सहना पड़ेगा सबसे छोटे  scale पर मैं आपको इसका example  बताऊ तो दोस्तो 

मानलो आपको एक नया startup खोलना है  आपके पास दस हजार रुपए हैं लेकिन वो काफी नहीं है तो आप अपने दोस्त के पास जाते हो और कहते हो कि तू भी दस हजार रुपए लगा और हम 50-50 पार्टनर्शिप करेंगे आपका। तो आपकी कंपनी का जो फ्यूचर में प्रॉफिट होगा 50% आपको मिलेगा 50% आपके दोस्त को मिलेगा। इस केस में 50% शेयर्स आपने अपने दोस्त को दे दियें इस कंपनी मे में यही चीज बड़े स्केल पर स्टॉक मार्केट में होती है बस फर्क है कि वहां पर अपने दोस्त के पास जाने की जगह पूरी दुनिया के पास जाते हैं और कहते हो कि आओ मेरी कंपनी में  शेयर्स खरीदो |

History & Purpose of Shares

शेयर मार्केट की शुरुआत आज से करीब 400 साल पहले हुई थी दोस्तों 1600 के टाइम पर डच इस्ट  इंडिया कंपनी थी जैसे ब्रिटिश इस्ट इंडिया कंपनी थी वैसे एक डच इस्ट इंडिया कंपनी भी थी जो कंट्री आज के टाइम पर नेदरलेंड्स है। उस जमाने में दोस्तों लोग शिप्स के दौरा बहुत एक्सप्लोरिंग किया करते थे। पूरा दुनिया का नक्शा डिसकवर नहीं हुआ था तो एक कंपनी शिप्स भेजती थी

अपनी दूसरी दुनिया की खोज करने के लिए ट्रेट करने के लिए दूर दूर तक तो यह हजारों किलोमीटर का सफर होता था जहाजों में बैठ के, इसके लिए बहुत सारे पैसे की जरूरत होती थी ये पैसा किसी भी एक इंसान के पास इतना नहीं था उस टाइम पे , तो इन्होंने ओपनली ऑफर किया आम लोगों को कि आओ हमारे जहाजों में पैसा लगाओ  हमारी शिप्स में पैसा लगाओ  कि जब ये शिप्स इतना लंबा सफर तय करके किसी और देश जाएंगी  वहा से जो भी खजाना ये लेकर आएंगी जो भी पैसे ये कमा कर आएंगी,

तो end में कुछ शेयर आपको मिल जाएगा उन पैसों का,  लेकिन ये काम बहुत रिस्की होता था दोस्तों,  क्योंकि उस टाइम पर आधे से ज्यादा जहाज तो वापस लौट कर ही नहीं आते थे,  गुम हो जाते थे, टूट जाते थे, या लूट लिये जाते थे,  कुछ भी होता था उनके साथ, तो इंवेस्टर्स ने देखा ये काम बहुत रिस्की था यहाँ पर|

उन्होंने डिसाइट किया कि एक जहाज में पैसे लगाने से अच्छा,  5 – 6 जहाज में पैसे लगाओ कि चांसेस तो यह हो कि कुछ एक ना एक तो उनमें से वापस आये यहाँ पर,  और एक जहाज दोस्तों multiple investors के पास जाकर यह पैसे लेता था  तो यह कहीं पर ना कहीं एक तरह से share market  create हो गया ,

ओपनली biddings होती थी  वहाँ पर जहाजों की ,वहाँ के docks पर docks वो जगह होती हैं जहाँ से ships निकलती हैं  देखते ही देखते दोस्तों इस System  बहुत Successful हो गया क्योंकि Companies को  जो पैसों की कमी होती थी वो आम लोग पूरी कर देते थे और आम लोगों को यहाँ पर और ज़ादा पैसे कमाने का मौका मिल जाता था |

आपने हिस्टरी किताबों में पढ़ाई होगा कि इस्ट इंडिया कंपनी और डच इस्ट इंडिया कंपनी कितनी अमीर बन गई थी उस टाइम पर,  और आज के दिन दोस्तों Almost हर कंट्री में अपना एक स्टॉक एक्स्चेंज है और हर कंट्री स्टॉक मार्किट पे बहुत डेपेंडेंट बन गई है |

शेयर मार्केट कैसे सीखे

What is Stock Exchange

Stock exchange वो जगह है वो building है जहाँ पर लोग companies के shares को खरीदते हैं और बेचते हैं  दो type के markets में इसे divide किया जा सकता है

एक primary market और एक secondary market

primary market  वो है दोस्तो जहाँ पर companies आकर अपने share को बेचती हैं  ये companies के उपर है कि वो exactly क्या price रखे अपनी शेयर का हालाकि इसमें कुछ रेगुलेशन भी होती है लेकिन कंपनी ज्यादा ऊपर नीचे कर नही सकती क्योंकि यह डिमांड पर डिपेंड करता है कितना प्राइस वहाँ पर लोग देने को तैयार है कंपनी के शेयर के लिए, अगर एक कंपनी एक लाख की वैल्यू है कंपनी की, वह अपने एक लाख शेयर बाटती है और एक रुपए पर शेयर में लोगों को ऑफर करती है

अब अगर उसकी डिमांड ज्यादा है लोग चाहते हैं कि मैं भी शेयर खरीदू , मै भी शेयर खरीदू  तो वो जादा प्राइज में बेच पाएगी अपने शेयर्स को तो आज कल  कंपनी क्या करती है,

एक मिनिमम प्राइज होता है एक मैक्सिमम प्राइज होता है  तो एक रेंज डिसाइड कर लेती है कंपनी कि मैं इस रेंज के अंदर अपने Shares को यहां पर बेचूंगी

How Many Shares Can A Company Have

यहां पर ध्यान रखने वाली बात यह है दोस्तों कि एक कंपनी के हर  शेयर की Equal होती है अब यह कंपनी के ऊपर है कि अपने कितने शेयर बनाएं एक लाख वैल्यू अगर टोटल  कंपनी की तो वह एक रुपए के एक लाख शेयर भी बना सकती है या फिर 50 पैसे के दो लाख शेयर भी बना सकती है और वैसे दोस्तों जब companies अपने share market में share बेचती है वो कभी भी 100% नहीं बेचती है 

जो एक owner होता है वो हमेशा majority of the shares तो रखता ही है  ताकि उसकी decision making power रहे  अगर आप सारे ही shares बेच डालोगे  तो जितने लोगों ने shares खरीदे हैं  सब owners बन गए उस company के  सब मालिक बन गए उस company के  तो वो सब decisions भी ले सकते हैं उस company के लिए  जिस इंसान के पास 50% से ज्यादा ownership रहेगी  वही decision ले पाएगा एक company के लिए  तो इसलिए जो founders होते हैं companies के  वो prefer करते हैं कि 50% से ज्यादा  share तो अपने पास ही रखें

जैसे Facebook का करीब 60% share  Mark Zuckerberg के पास ही है  अब जिन लोगों ने company से share खरीद लिये  अब ये share ये जाकर  और लोगों को बेच सकते हैं  इसे कहते है

Secondary market दोस्तों , जहाँ पर लोग अपने आपने shares को  बेचते खरीदते हैं, shares की trading करते हैं  primary market में company ने  एक price set कर दिया था अपने share का,  अब secondary market में company  कुछ नहीं कर सकती है अपने share price का  अब ये share price उपर नीचे होते रहेगा ये देखकर कि demand कितनी है लोगों की किसी share को खरीदने में supply कितनी है उसकी  तो, demand और supply को देखकर secondary market में share price अब उपर नीचे होते रहेगा 

India Stock market

अल्मोस्ट हर बड़ी country में अपनी stock exchange होती है  इंडिया में दो सबसे popular stock exchanges हैं,  एक है Bombay stock exchange, जिसमें करीब-करीब 5,400 companies registered हैं,  और एक है National stock exchange है, जिसमें 1,700 companies registered हैं,  अब इतनी सारी companies एक stock exchange में registered हैं,  अगर हमें overall देखना है,  कि एक stock exchange में सारी companies के share prices उपर जा रहे हैं या नीचे जा रहे हैं,

यह कैसे देखा जाए, इस चीज को measure करने के लिए दोस्तों हमारे लिए एक measurement बनाई गई है  Sensex और Nifty ,

What Is Sensex | सेंसेक्स शेयर मार्केट 2025
what is sensex

 Sensex Bombay Stock Exchange की top 30 companies का एक average trend दिखाता है कि average out करके उन सारी 30 companies के share price उपर जा रहे हैं या नीचे जा रहे हैं Sensex का full form sensitivity index भी यही दर्शाता है सेंसेक्स का जो नंबर है दोस्तों ,कि आज यह 40,000 के करीब पहुंच चुका है इस नंबर की खुद में कोई ज्यादा वैल्यू नहीं है

आप इस नंबर को हमेशा  Past से कंपेयर करके देखिए तब आपको इसकी वैल्यू समझ में आएगी क्योंकि यह जो नंबर है यह थोड़ा रैंडमली डिसाइड किया गया है कि शुरू में इन्होंने  डिसाइड कर लिया कि यह 30 कंपनीज का इस वक्त यह शेयर वैल्यू है तो मैंने सारे नंबर को कंपाइल करके हम कहते  हैं कि 500 है तो अब धीरे-धीरे सेंसेक्स बढ़कर 40,000 तक पहुंच गया पिछले 50 सालों में कुछ तो यह दिखाता  है कि पिछले 50 सालों में इन 30 कंपनीज के शेयर प्राइस में कितना कितने ऊपर गए हैं प्राइज

ऐसे हमारा निफ्टी इंडेक्स है नैशनल प्लस फिफटी, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज की टॉप फिफटी कंपनी के शेयर प्राइज में क्या ऊपर नीचे का ट्रेंड दिख रहा है यह निफ्टी दिखता है यहाँ पर 

How To Sell Your Company’s Shares?

अगर एक company को किसी stock exchange पे जाकर अपने shares बेचने हैं तो इसे कहेंगे public listing कराना उस company की किसी पहली बार कर रही है तो इसे कहेंगे IPO, initial public offering कि public को अपने shares पहली बार offer करा रहे हो ,

 East India company के जमाने में काम करना बहुत ही असान था कोई भी अपनी company को लाकर public के सामने share बेच सकता था  लेकिन आज के टाइम पे दोस्तों ये procedure बहुत ही लंबा और complicated है  और होना भी चाहिए  क्योंकि सोच कर देखे scam करना कितना आसान है लोगों को  कोई भी अपनी fake company बना कर  stock exchange में बैठेगा  और बढ़ा चड़ा कर कहेगा कि देखो  मेरी company की इतनी value है, मेरी company ने ये सब किया है

लोगों को झूट बोलेगा  और लोग बेवकूफ बन के उसकी company में  पैसे invest कर देंगे और वो पैसे लेकर  भाग जाएगा यहां से तो बहुत ही असान हो गया न स्कैम करना  और इंडिया ने दोस्तो हिस्ट्री में ऐसे बहुत से स्कैम देखे हैं  हर्षद महता स्कैम, सत्यम स्कैम यह सब यही चीज़े थी  लोगों को बेवकूफ बना का स्टॉक एक्स्चेंज में लिस्टिंग कराई अपनी  पैसे लिये और भाग गये वहां से 

तो धीरे धीरे दोस्तो जैसे ऐसे यह स्कैम होते रहे  वैसे वैसे स्टॉक एक्स्चेंज इसको पता लगने लगा कि हमें अपने पूरे प्रोसीजर को और स्ट्रॉंग बनाना पड़ेगा, स्कैम्प प्रूफ बनाना पड़ेगा, इसके लिए रेगुलेशन्स और स्ट्रॉंग बनाते गए, रूल्स और स्ट्रॉंग बनाते गए, जिसकी वजह से आज काफी कॉंप्लिकेटिड रूल्स हैं.

Securities And Exchange Board Of India  (SEBI) यह एक regulatory body है जो इन सब चीजों को देखती है दोस्तों कि कौन सी companies को stock market पर list किया जा रहा है और सही तरीके से किया जा रहा है कि नहीं किया जा रहा है और अगर आपको यह करना है

दोस्तों तो आपको SEBI के norms को पहले fulfill करना पड़ेगा  इनके norms बहुत strict हैं जैसे कि आपकी companies के accounting पर काफी checks and balances होने चाहिए  कम से कम दो auditors ने आपकी companies की accounting को check किया होना चाहिए  तीन साल लग सकते हैं इस पूरे process में पचास से ज्यादा  shareholders already  होने चाहिए आपकी company में अगर आपको publicly list कराना है किसी company को,

  और जब आप अपने shares बेचने जाओगे  आपके shares की अगर कोई demand नहीं हुई  लोगों के बीच में  तो SEBI आपकी company को stock market से हटा भी सकता है 

अब आप कैसे stock market में पैसे invest कर सकते हैं East India Company के time पे तो आप उस जमाने में उस डॉक्स पे जाकर जहां से जहाज निकल रहे थे  वहाँ पे जाकर ये बिडिंग कर सकते थे खरीद बेच सकते थे स्टॉक्स को और इंटरनेट के आने से पहले आपको बॉंगे स्टॉक एक्स्चेंज की बिल्डिंग में जाकर ये काम करना होता

  लेकिन इंटरनेट के आने के बाद दोस्तो आपको सिर्फ तीन चीजों की जरूरत है,

 एक बैंक अकाउंट,

 एक ट्रेडिंग अकाउंट

और एक डीमैट अकाउंट.

 बैंक अकाउंट इसलिए आपको अपने पैसों की जरूरत होगी,

 ट्रेडिंग अकाउंट इसलिए कि आप ट्रेड कर सके, आप पैसे इंवेस्ट कर सके किसी कंपनी में,

और डीमैट अकाउंट होता है दोस्तों, स्टॉक्स जो आप खरीद रहे हैं, उसे स्टोर करने के लिए, एक डिजिटल फॉर्म में स्टोर करने के लिए उन स्टॉक्स को.

आजकल ज्यादार बैंक थ्री इन वन अकाउंट्स ऑफर करने लग गए हैं कि ये तीनों अकाउंट्स आपके बैंक अकाउंट के अंदर ही इंवॉल्ड हों। हम जैसे लोगों को कहेंगे दोस्तों रीटेल इन्वेस्टर्स यानि आम लोग जो इन्वेस्ट करना चाहते हैं स्टॉक मार्केट में तो रीटेल इन्वेस्टर्स को हमेशा एक ब्रोकर की जरूरत होती है।  ब्रोकर वो इंसान होता है जो बायर और सेलर को एक साथ मिलाता है अब हमारे लिए ब्रोकर हमारा बैंक भी हो सकता है  या कोई और थर्ड पार्टी एप भी हो सकती है  या कोई प्लैटफॉर्म भी हो सकता है

जब आप ब्रोकर्स के थूँ पैसे लगाते हैं  स्टॉक मार्किट में तो ये ब्रोकर अपना कुछ  कमिशन रख लेता है इसे कहते हैं  ब्रोकरेज रेट

 ये ब्रोकरेज रेट  दोस्तों बैंक ज्यादातर चार्ज करते हैं  अराउंड वन परसेंट लेकिन वन परसेंट  जादा हाई है इतना होना नहीं चाहिए आपको अगर सही से दूंढेंगे तो आपको  ऐसे प्लेटफॉर्म से मिल जाएंगे जो ब्रोकरेज रेट राउंड 0.05% परसेंट दे रहे हैं या 0. 01% दे रहे हैं यह  ब्रोकरेज रेट उनके लिए डिसएडवांटेज है अगर जो ज्यादा ट्रेडिंग करना चाहते हैं स्टॉक से यानि एक दिन में इतने सारे स्टॉक्स खरीदे इतने सारे बेचे तो बहुत सारा पैसा आपका इस brokering fees में चला जाएगा  लेकिन अगर आप investing करना चाहें  long term के लिए तो जादा  brokerage rate से इतना फ़र्क नहीं पड़ेगा  क्योंकि आप एक बारी देंगे उस brokerage rate को

investing vs trading

 तो investing  और trading  दो अलग-अलग चीज़े हैं  investing  का मतलब है आपने एक बारी पैसे लगा है  stock market  में और कुछ टाइम तक उसे रहने दिया वहाँ पर और trading का मतलब है, कि आप जल्दी से काफी पैसे लगाते हो, 

यहाँ पर काफी वहाँ लगाते हो, कुछ निकाल लेते हो, कुछ निकाल लेते हो,  तो बहुत जल्दी जल्दी काम करते हो ,  तो in fact, trading करना दोस्तों, खुद में ही एक job है,  ऐसे बहुत से लोग हैं हमारे देश में,  जो सिर्फ traders हैं, और दिन बर बैठके यही काम करते हैं,  पैसे इस share से निकाले, उस share में डाले,  यहाँ से निकाला, वहां डाला और यहां से profit  कमाया

Is Share Market Gambling?

तो सबसे इंपोर्टेंट सवाल यहां पर यह उठता है कि क्या आपको शेयर मार्किट में पैसे इंवेस्ट करने चाहिए काफी लोग इसे जूए से compare  करते हैं गैंबलिंग कहते हैं इसे क्योंकि इसमें इतना ज्यादा  रिस्क होता है और मेरी राय में दोस्तों ये बिल्कुल सही कहते हैं ये एक तरह की gambling ही है अगर आपको नहीं पता कि वो company किस type की है company  की performance कैसी रही है company के exactly parameters क्या है  financial record क्या है company का उसकी accounting information देखकर आप history नहीं देखते तो एक तरह से जूआ खेलने जैसा ही है क्योंकि 

आपको कोई idea ही नहीं है कि वो company future में कैसा perform करेगी  बस आप लोगों की बात सुनकर कि लोग कह रहे हैं कि ये company अच्छा perform कर रही है  इसमें share market में पैसे लगा ले  तो इसलिए आप लगा रहे हो यहाँ पर  ये काम बिल्कुल नहीं करना चाहिए दोस्तों  और ये बहुत ही risky होता है करना  और obviously जब कुछ लोग ऐसे हैं यहाँ पर  जो रात दिन ये काम कर रहे हैं

जैसे कि  traders हैं जो experts हैं इस field में  जिनको जादा knowledge है stock market के बारे में वो obviously जादा अच्छा perform करेंगे  क्योंकि उन्हें पता होगा कि ये सब कैसे काम करता है  तो मेरी राय में दोस्तों आपको कभी भी share market में directly invest नहीं करना चाहिए उन experts पे rely करना चाहिए  अब इसका एक बहुत अच्छा form है mutual funds क्योंकि mutual funds में क्या होता है

आप directly खुद नहीं decide करते  कि किस company में invest करना है mutual funds में आप experts पे भरोसा डालते हो कि वह experts decide करें कि किस किस  company में invest किया जाए इन फैक्ट ज्यादार mutual funds धेरो companies में invest करते हैं ताकि loss होने के chances काफी कम रहें यहां पर जैसे कि मैंने East India company का example दिया था investors बहुत जल्दी समझ  गए थे कि एक जहाज में पैसे कभी मत डालो अपने 5-6 जहाजों में पैसे लगाओ अपने ताकि chances ये रहे कि कम से कम एक दो वापस लोट आये |

अगर आपको लगता है दोस्तो  आपने इस पोस्ट से काफी कुछ नया सीखा  तो इस पोस्ट  को शेयर कीजिए  और नीचे कॉमेंट्स में लिखकर मुझे बताईए  कि नेक्स्ट किस टॉपिक पर  किस एजुकेशनल या फाइनांशल टॉपिक पर  आप पोस्ट  देखना चाहेंगे |

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